राजकीय स्कूलों में दाखिला बढ़ाने के लिए घर-घर दस्तक देंगे गुरुजी
- By Vinod --
- Monday, 06 May, 2024
Guruji will knock from door to door to increase enrollment in government schools
Guruji will knock from door to door to increase enrollment in government schools- चंडीगढ़। राजकीय स्कूलों में ड्रापआउट को घटाने के लिए शिक्षक घर-घर दस्तक देंगे। शिक्षक निजी और राजकीय स्कूलों में जाने वाले बच्चों के साथ स्कूल छोड़ चुके बच्चों का डाटा तैयार करेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को आगामी 16 मई तक ड्राप आउट बच्चे, दाखिला स्थिति, जनसंवाद और सीएम विडों की शिकायतों के समाधान की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेजनी होगी। शिक्षा विभाग के निदेशालय की तरफ से सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए।
निर्देशों में कहा गया है कि नामांकन बढ़ाने के लिए डीईईओ प्रतिदिन फील्ड विजिट करें और ब्लाक व कलस्टर स्तर पर बैठकें आयोजित करेंगे। डीईईओ नामांकन संबंधित रिपोर्ट मुख्यालय को हर रोज भेजनी होगी। इसके साथ ही संस्कृति मॉडल स्कूल में दाखिल होने वाले बच्चों का किसी भी तरह का टेस्ट नहीं लिया जाएगा, केवल दस्तावेजों के आधार पर ही दाखिला होगा।
यही नहीं जिला शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि सभी जिले उन बच्चों का पता लगाएंगे, जिन्होंने कक्षा पास करने के बाद आगे दाखिला नहीं लिया है। यानी ऐसे छात्र जो न तो सरकारी स्कूलों में दाखिल हुए हैं और न ही उनका निजी स्कूलों में नामांकन हुआ है।
जो बच्चे ड्राप आउट हुए हैं, उन्हें शिक्षक सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाएंगे। इसके साथ ही सभी जिलों में छात्रों को बालवाटिका से ग्रेड-1 में स्थापित करेंगे। मुख्यालय की ओर से निर्देश दिए हैं कि जिन बच्चों का तकनीकी त्रुटि के कारण नामांकन डाटा में विसंगति है, उनकी जांच कर दुरूस्त किया जाए। इसके साथ ही सभी डीईईओ अपने जिलों में नामांकन का ग्राफ बढ़ाने की रणनीति तैयार करें।
मुख्यालय की ओर से डीईईओ को हिदायत दी गई है कि एमआईएस पोर्टल पर अपलोड डाटा की जांच की जाए और उसमें त्रुटियों को दुरूस्त किया जाए। साथ ही शिक्षकों को यह निर्देश दिए जाएं कि वे बच्चों के अभिभावकों से मिलें और उन्हें अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल कराने के लिए आग्रह करें। ऐसे बच्चों की जानकारी जुटाई जाए, जिन्होंने सरकारी व निजी स्कूलों में दाखिला नहीं लिया है, ऐसे बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल कराया जाएगा। सभी बालवाटिका छात्रों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा।